जो उसका चैहरा है
मैंने सालों पहले देखा था
मगर वो अब तक मेरे दिल में ठहरा है
वो इश्क़ करने के लिए बनी थी
मैं उसको इश्क़ की नज़रों से देखता था
जो उसका नूर है वो अब तक
मेरे दिल में दे रहा पहरा है
वो मुझ से कोसों दूर है बस तस्वीर
साथ में लेकर उसे ढूँढ़ रहा हूँ मैं
गलियों में शहरों में, लोगों से
उसके बारे में पूछ रहा हूँ मैं
उसका चैहरा मैं कुछ हद तक भूल चुका हूँ
बस उसका नाम याद है
ये कम्बख्त दिल उसे आजतक ढूंढ़ रहा है
‘अबी’ क्या कर सकता है
इस दीवाने को दिल लगाने की आदत है
वो उसके बिना हर दिन मर रहा है
जो उसका चैहरा है
मैंने सालों पहले देखा था
मगर वो अब तक मेरे दिल में ठहरा है।
बहुत खूब 😊👍👍👍
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मैंने सालों पहले देखा था
मगर वो अब तक मेरे दिल में ठहरा है–क्या खूब लिखा है👌👌👌
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शुक्रिया जनाब❤
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Kya khoob 👏👍👌
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Shukriya.. 🙂
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bahut khub👌
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